Wednesday, March 11, 2009
रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे
रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे
अरे कैने मारी पिचकारी तोरी भीगी अंगिया
ओ रंगरसिया रंगरसिया, हो
रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे ...
सोने की थाली मैं जोना परोसा
अरे, सोने की थाली मैं जोना परोसा
हाँ, सोने की थाली मैं जोना परोसा
अरे, खाए गौरी का यार बालम तरसे रंग बरसे
होली है!!!
ओ, रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे ...
लूँगा इलाइची का, अरे लूँगा इलाइची का
लूँगा इलाइची का? हाँ
अरे लूँगा इलाइची का बीडा लगाया
हाँ, लूँगा इलाइची का बीडा लगाया
चाबे गौरी का यार, बालम तरसे
होली है!!!
ओ, रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे ...
अरे, बेला चमेली का सेज भिछाया
बेला चमेली का, सेज भिछाया
अरे, बेला चमेली का सेज भिछाया
हाँ, बेला चमेली का सेज भिछाया
सोये गौरी का यार, बालम तरसे
होली है!!!
ओ, रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे ...
देखा एक ख्वाब तो, ये सिलसिले हुए
देखा एक ख्वाब तो, ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं फुल खिले हुए
ये गिला हैं आप की निगाहों से
फुल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
मेरी सासों में बसी खुशबू तेरी
ये तेरे प्यार की हैं जादूगरी
तेरी आवाज हैं हवाओं में
प्यार का रंग हैं फिजाओं में
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहू के शर्मा से हैं लैब सिले हुए
मेरा दिल हैं तेरी पनाहों में
आ छूपा लू तुजे मैं बाहों में
तेरी तसवीर हैं निगाहों में
दूर तक रोशनी हैं राहों में
कल अगर ना रोशनी के काफिले हुए
प्यार के हजार दीप हैं जले हुए
चेहरा हैं या चाँद खिला है, जुल्फ घनेरी शाम हैं क्या
चेहरा हैं या चाँद खिला है, जुल्फ घनेरी शाम हैं क्या
सागर जैसी आन्खानेवाली ये तो बता तेरा नाम हैं क्या?
तू क्या जाने तेरी खातिर कितना हैं बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा हैं कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है, तू हैं यहाँ तो जाता लम्हा थम जाए
वक्त का डराया बहते बहते, इस मंजर में जम जाए
तू ने दीवाना दिल को बनाया, इस दिल पर इल्जाम हैं क्या
आज मैं तुज से दूरी सही और तू मुज़ से अनजान सही
तेरा साथ नहीं पाऊँ तो खैर तेरा अरमां सही
ये अरमां है, शोर नहीं हो, खामोशी के मेले होर
इस दुनिया में कोई नहीं हो, हम दोनों ही अकेले हो
तेरे सपने देख रहा, और मेरा अब काम हैं क्या
होशवालों को ख़बर क्या बेखुदी क्या चीज हैं
होशवालों को ख़बर क्या बेखुदी क्या चीज हैं
इश्क कीजे फ़िर समजिये, जिंदगी क्या चीज हैं
उनसे नज़ारे क्या मिली, रोशन फिजायें हो गयी
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज हैं
खुलती जुल्फों ने सिखाई, मौसमो को शायरी
जुकती आँखों ने बताया, मयकशी क्या चीज हैं
हम नजर से कह ना पाये, उन से हाला-ये-दिल कभी
और वो समजे नहीं, ये खामोशी क्या चीज हैं
तुम को देखा, तो ये ख़याल आया
तुम को देखा, तो ये ख़याल आया
जिंदगी धुप तुम घना साया
आज फ़िर दिल ने, एक तमन्ना की
आज फ़िर दिल को, हम ने समजाया
तुम चले जाओगे, तो सोचेंगे
हम ने क्या खोया, हम ने क्या पाया
हम जिसे गुनगुना नहीं सकते
वक्त ने एसा गीत क्यो गाया
होंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे, मेरी परीत अमर कर दो
ना उमर की सीमा हो, ना जन्मों का हो बंधन
जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन
नयी रीत चलाकर तुम ये रीत अमर कर दो
आकाश का सूनापन मेरे तन्हा मन में
पायल ज़नाकाती तुम आ जाओ जीवन में
साँसे देकर अपनी संगीत अमर कर दो
जगाने छिना मुज़ से, मुजे जो भी लगा प्यारा
सब जीता किए मुज़ से, मैं हर पल ही हारा
तुम हार के दिल अपना, मेरी जीत अमर कर डी
तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है, जिस को छुपा रहे हो
आँखों में नमी, हँसी लबों पर
क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो
बन जायेंगे जहर पीते पीते
ये अश्क जो पीते जा रहे हो
जिन जख्मों को वक्त भर चला है
तुम क्यो उन्हें छेदे जा रहे हो
रेखाओं का खेल हैं मुकद्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो
झूकी झूकी सी नजर बेकरार हैं के नहीं
झूकी झूकी सी नजर बेकरार हैं के नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार हैं के नहीं
तू अपने दिल की जवान धड़कनों को गिन के बता
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार हैं नहीं
वो पल के जिस में मोहब्बत जवान होती हैं
उस इक पल का तुजे इंतजार हैं के नहीं
तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को
तुजे भी अपने पे ये एतबार हैं के नहीं
इन आखों की मस्ती के मस्ताने हजारो हैं
इन आखों की मस्ती के मस्ताने हजारो हैं
इन आखों से वाबस्ता अफसाने हजारो हैं
एक तुम ही नही, तन्हा उलफत में मेरी रुसवां
इस शहर में तुम जैसे, दिवानें हजारो हैं
एक सिर्फ़ हम ही माय को आखों से पिलाते हैं
कहने को तो दुनिया में मयखाने हजारो हैं
इस शमा-ये-फरोजा को आंधी से डराते हो
इस शमा-ये-फरोजा के परवाने हजारो हैं
दिल चीज क्या हैं, आप मेरी जान लीजिये
दिल चीज क्या हैं, आप मेरी जान लीजिये
बस एक बार मेरा कहा मान लीजिये
इस अंजुमन में आप को आना हैं बार बार
दीवारों डर को गौर से पहचान लीजिये
माना के दोस्तों को नही, दोस्ती का फस
लेकिन ये क्या के गैर का एहसान लीजिये
कहिये तो आसमा को जमीन पर उतार लाये
मुश्किल नहीं हैं कुछ भी अगर ठान लीजिये
नाम गम जायेगा, चेहरा ये बदल जायेगा
नाम गम जायेगा, चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे
वक्त के सितम कम हसीं नही, आज हैं यहाँ कल कही नही
वक्त के परे अगर मिल गए कही, मेरी आवाज ही....
जो गुजर गयी, कल की बात थी, उमर तो नहीं एक रात थी
रात का सिरा अगर फ़िर मिले कही, मेरी आवाज ही....
दिन ढले जहा रात पास हो, जिंदगी की लौ ऊँची कर चलो
याद आए गर कभी जी उदास हो, मेरी आवाज ही....
दिल ढूँढता है, फ़िर वही फुरसत के रात दिन
दिल ढूँढता है, फ़िर वही फुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ये-जाना किए हुए
जाडों की नर्म धुप और आँगन में लेट कर
आंखों पे खिंच कर तेरे दामन के साए को
औंधे पड़े रहे कभी करवट लिए हुए
या गम्रीयों की रात जो पूरावाईयाँ चले
ठण्डी सफ़ेद चादरों पे जागे देर तक
तारों को देखते रहे छत पर पड़े हुए
बर्फीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूंजती हुयी, खामोशियाँ सूने
आंखों में भीगे भीगे से लम्हे लिए हुए
लगी आज सावन की फ़िर वो झड़ी है
लगी आज सावन की, फ़िर वो झड़ी है
वही आग सीने में, फ़िर जल पडी हैं
कुछ एसे ही दिन थे, वो जब हम मिले थे
चमन में नही, फूल दिल में खिले थे
वही तो हैं मौसम मगर रुत नहीं वो
मेरे साथ बरसात भी रो पडी है
कोई काश दिल पे, ज़रा हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकडों को, एक साथ रख दे
मगर ये हैं ख़्वाबों ख्यालों की बातें
कभी टूट कर चीज कोई जुडी हैं
Tuesday, March 10, 2009
सिलसिला यह चाहत का, ना मैंने बुझने दिया
मौसम ने ली अंगडाई, लहराके बरखा फिर छाई
झोंका हवा का आयेगा, और यह दिया बुझ जायेगा
सिलसिला यह चाहत का, ना मैंने बुझने दिया
ओ पिया, ये दिया ना बुझा हैं, ना बुझेगा मेरी चाहत का दिया
मेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया
इस दिये संग जल रहा मेरा रोम रोम और जिया
फासला था दूरी थी, था जुदाई का आलम
इंतजार में नजरें थी, और तुम वहा थे
झिलमिलाते जगमगाते खुशियों में झुमकर
और यहा जल रहे थे हम
फिर से बादल गरजा हैं, गरज गरज के बरसा हैं
घुम के तुफान आया हैं पर तुझ को बुझा नहीं पाया हैं
ओ पिया, यह दिया चाहे जितना सताये तुझे यह सावन यह हवा और यह बिजलीयाँ
मेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया
देखो ये पगली दिवानी, दुनियाँ से हैं यह अंजानी
झोंका हवा का आयेगा और इस का पिया संग लायेगा
सिलसिला यह चाहत का ना दिल से बुझने दिया
हमेशा तुम को चाहा, और चाहा कुछ भी नहीं
आयी खुशी की हैं यह रात आयी
सजधज के बारात हैं आयी
धीरे धीरे गम का सागर
थम गया आँखों में आकर
गुँज उठी हैं जो शहनाई
तो आँखों ने यह बात बताई
हमेशा तुम को चाहा, और चाहा कुछ भी नहीं
तुम्हें दिल ने हैं पुजा, और पुजा कुछ भी नहीं
खुशियों में भी छायी उदासी
दर्द की छाया में वह लिपटी
कहने पिया से बस यह आयी
जो दाग तुम ने मुझ को दिया
उस दाग से मेरा चेहरा खिला
रखूंगी मैं इस को निशानी बनाकर
माथे पे इस को हमेशा सजाकर
ओ प्रितम, बीन तेरे मेरे इस जीवन में कुछ भी नहीं
बीते लम्हों की यादें लेकर
बोझल कदमों से वह चलकर
दिल भी रोया और आँख भर आयी
मन से आवाज हैं आयी
वो बचपन की यादें
वो रिश्ते, वो नाते, वो सावन के झूले
वो हसना, वो हसाना, वो रुठ के फिर मनाना
वो हर एक पल मैं दिल में समाए
दिये में जलाये, ले जा रही हूँ मैं ले जा
मेरा दिल भी कितना पागल हैं
मेरा दिल भी कितना पागल हैं
ये प्यार तो तुम से करता हैं
पर सामने जब तुम आते हो
कुछ भी कहने से डरता हैं
कितना इसको समझाता हूँ
कितना इसको बहलाता हूँ
नादान हैं कुछ ना समझता हैं
दिनरात ये आहें भरता हैं
हर पल मुझको तडपाता हैं
मुझे सारी रात जगाता हैं
इस बात की तुमको खबर नहीं
ये सिर्फ तुम ही पर मरता हैं
Tere sur aur mere geet
Tere sur aur mere geet
Tere sur aur mere geet
Dono mil kar banegi preet
Tere sur aur mere geet
Dhadkan mein tu hai samaayaa huaa
Khayaalon mein tu hi tu chhaayaa huaa
Aaa dhadkan mein tu hai samaayaa huaa
Khayaalon mein tu hi tu chhaayaa huaa
Duniyaa ke mele mein laakhon mile
Magar tu hi tu dil ko bhaayaa huaa
Main teri jogan tu meraa meet
Dono mil kar banegi preet
Tere sur aur mere geet
Mujhko agar bhool jaaoge tum, aa aa aaaa
Mujhse agar dur jaoge tum
Aaa mujhko agar bhool jaaoge tum, aa aa aaaa
Mujhse agar dur jaoge tum
Meri muhabbat mein taaseer hai, aa aa aaaa
meri muhabbat mein taaseer hai
To khinch ke mere paas aaoge tum
Dekho hamaari hogi jeet
Dono mil kar banegi preet
Tere sur aur mere geet
O Sajna Barkha Bahar Aai Lyrics
O sajanaa, barakhaa bahaar aayee
Ras kee puhaar laayee,
Aakhiyon mein pyaar laayee
Tum ko pukaare mere man kaa papeeharaa
Meethhee meethhee aganee me,
Jale moraa jiyaraa
Ayese rimazim me, o sajan
Pyaase pyaase mere nayan
Tere hee khwaabon mein kho gaye
Saawalee salonee ghataa, jab jab chhaayee
Aakhiyon mein rainaa gayee,
Nindeeyaa naa aayee
Sunday, March 8, 2009
Mausam Hai Aashiqana Lyrics
Mausam hain aashikaanaa
Aye dil kahee se unako ayese mein dhoondh laanaa
Kahanaa ke rut jawaa hai, aaur hum taras rahe hain
Kaalee ghataa ke saaye, birahan ko das rahe hain
Dar hain naa maar daale, saawan kaa kyaa thhikaanaa
Sooraj kahee bhee jaaye, tum par naa dhup aaye
Tum ko pukaarate hai, in gesooon ke saaye
Aa jaao main banaa doo, palakon kaa shaamiyaanaa
Firate hain hum akele, baaho mein koee lele
Aakhir koee kahaa tak tanahaeeyon se khele
Din ho gaye hain jaalim raate hain katilaanaa
Ye raat ye khaamoshee, ye khwaab se najaare
Juganoo hain yaa jameen par, utare huye hain taare
Bekhaab meree aankhe, madahosh hain jamaanaa
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