हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे खिलता गुलाब
जैसे शायर का ख्वाब
जैसे उजली किरण
जैसे वन में हिरन
जैसे चांदनी रात
जैसे नग्मे की बात
जैसे मन्दिर में हो एक जलता दिया
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ....1
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे सुबहों का रूप
जैसे सर्दी की धुप
जैसे वीणा की तान
जैसे रंगों की जान
जैसे बलखाये बेल
जैसे लहरों का खेल
जैसे खुशबू लिए आए ठंडी हवा
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ....2
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे नाचता मोर
जैसे रेशम की डोर
जैसे परियों का राग
जैसे संग्दल की आग
जैसे सोला सिघार
जैसे रास्ती फुहार
जैसे आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता नशा
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ...3
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे खिलता गुलाब
जैसे शायर का ख्वाब
जैसे उजली किरण
जैसे वन में हिरन
जैसे चांदनी रात
जैसे नग्मे की बात
जैसे मन्दिर में हो एक जलता दिया
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ....1
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे सुबहों का रूप
जैसे सर्दी की धुप
जैसे वीणा की तान
जैसे रंगों की जान
जैसे बलखाये बेल
जैसे लहरों का खेल
जैसे खुशबू लिए आए ठंडी हवा
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ....2
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे नाचता मोर
जैसे रेशम की डोर
जैसे परियों का राग
जैसे संग्दल की आग
जैसे सोला सिघार
जैसे रास्ती फुहार
जैसे आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता नशा
हो एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ...3
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